Motivational Story of Friends

दोस्तों आज मैं एक कहानी लिखने जा रहा हूँ  जो आपको जिंदगी में आगे बढ़ने में सहायता करेगी यह कहानी सच्ची घटना पे आधारित है  जिसे मैं आप सब के लिये लिख रहा हूँ, मैं कोशिश करूँगा एक इस  कहानी में आपको बहुत कुश सिखने को मिलेगा, आपको ये कहानी पढ़ के मजा आएगा 
ये कहानी दो दोस्तों की दोस्ती पैर आधारित है  



 दोस्तों कहानी को शुरू करने से पहले आप से विनती है अगर कहानी लिखने में मुझे से गलती हो जाए तो मुझे कमंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये!

चलो दोस्तों  मैं कहानी सुरु करने जा रहा हूँ ये कहानी दो दोस्तों की है जिसमे एक का नाम सोनू और दूसरे दोस्त का नाम महेश था! ये दोस्त कानपूर की बीड़ी  की फैक्ट्री में काम करते है ,सोनू उस फैक्ट्री में सुपरवाइजर की पोस्ट पर काम करता है और महेश वहा पर एक मजदूर है जो बीड़ी की पैकिंग करता है !

सोनू बिहार के छोटे से गॉव का  रहने वाला है सोनू बहुत ही गरीब परिवार से है जिस के घर में एक छोटी बहन और एक छोटा भाई है और घर में उसकी बूढ़ी माँ है  उसके पिता की मौत जब ये 10  का था तो एक रेल बस एक्सीडेंट में हो गयी थी ! सोनू ने 10  साल कि  उम्र से ही अपनी पढ़ाई के साथ साथ काम करने लगा और अपनी माँ के साथ मिलकर घर का खर्चा उठाने लगा, वो दिन में पढ़ाई करता कर था और रात को चाय के ठेली पर चाय बेचता था, लकिन सोनू पढ़ाई  में बहुत अच्छा था जिसे  देख कर स्कूल वालो ने उसकी फीस माफ कर दी और वो 12 क्लास तक उस स्कूल में पढ़ा और 12 वी क्लॉस में अच्छे नंबर में पास हो कर, इलाहाबाद में अपने मामा के पास B.com करने के लिया चला गया!

सोनू जितना ही गरीब और अच्छा लड़का था महेश उतना ही आमिर और बिगड़ा हुआ लड़का था ,
चलो अब महेश के बारे में जानते है  महेश एक कानपुर केआमिर व्यपारी का एकलौता लड़का था! जिनका नाम सेठ श्याम लाल था जो एक कपडे के बहुत बड़े व्यापारी थे! घर में महेश इसके पिता, माता जी और एक नौकर रामू था जो अपनी पत्नी  सीतला और एक छोटी लड़की  प्रिया के साथ में महेश के घर के साथ में एक छोटे से कमरे में ही रहता था जो महेश की पिता ने  उन्हें रहने के लिया दिया हुआ था,प्रिया को स्याम लाल अपने बेटी की तरह रखता था,  महेश घर का एकलौता और जिद्दी लड़का था और पढ़ाई में बहुत कमजोर था, सारा दिन बस अपने नौकर बेटी प्रिया के साथ खेलता  रहता था, प्रिया और महेश एक ही स्कूल में पढ़ते थे, साथ में ही स्कूल जाते और आते थे, प्रिय डॉक्टर बनना चाहती थी, महेश प्रिया को प्यार करता था जिसके कारन वो स्कूल में न तो खुद पड़ता था न ही प्रिया को पढ़ने देहता था ! जिस कारन प्रिया बहुत परेशान थी , और वो महेश के बारे में न अपने पिता और न ही सेठ स्याम लाल जी को बता  सकती थी , सेठ जी से महेश की शिकायत करने पैर कही वो नाराज न हो जाये , और उसकी पड़े न रुकवा दे


बहुत जल्दी आगे की कहानी आपको सुनने वापस आऊंगा 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.