Motivational Story of Friends part-3

हेलो दोस्तों मैं आपका दोस्त आपका मोटिवेटर एक बार फिर हाजिर हु आपके लिया हमारी स्टोरी का तीसरा भाग ले कर आया हु आप के लिया जिसमे हम जाने की कैसे सोनू  और महेश मिले  और उन्हे में दोस्ती हुई,और कैसे प्रिया डॉक्टर  बानी !


प्रिया ये सोच रही थी की वो डॉक्टर कैसे बने और महेश अपने घरवालों को प्रिया के बारे में बताता है और कहता की वो प्रिया से प्यार करता है और उसे से शादी करना चाहता है लकिन महेश के पिता सेठ श्याम लाल जी इस शादी से इंकार कर देहते है लकिन महेश की माँ जब अपने बेटे की ख़ुशी के लिया स्याम लाल जी से बात करती है सेठ जी अपनी पत्नी के बार बार कहने पर शादी के लिया राज़ी हो जाहते कहते की वो पहले प्रिया से इस शादी के बारे में बात करेंगे,
फिर अगले दिन सेठ जी प्रिया को अपने पास बुलाते है और उससे पूछते है क्या तुम महेश को पसॅंद करती और उसे से शादी करना चाहती है ये बात सुन के प्रिया काफी देर तक चुप रहती है , उसकी चुपी देख कर  सेठ जी प्रिया से पूछते है क्या हुआ बेटी मुझे बताओ की तुम्हारे मन में क्या है, सेठ जी बात सुन के प्रिया रोहने लगती है
और रोहते रोहते सेठ जी से कहती की वो भी महेश को पसंद करती है लकिन वो अभी शादी नहीं करना चाहती है, तो सेठ जी प्रिया से पूछते है क्यों बेटी जब तुम दोनों एक दूसरे को पसॅंद करते हो तो तुम शादी क्यों नहीं करना चाहती हो तो प्रिया सेठ जी को कहती है वो डॉक्टर बनना चाहती है और अपने कानपूर में एक हॉस्पिटल खोलना चाहती है प्रिया की बात सुन कर सेठ जी बहुत खुस होते है और कहते की उन्हें अपने होने वाली बहु पैर फर्क है वो प्रिया से कहते है की वो पहले  तुम अपनी डॉक्टरी पूरी करो  फिर तुम दोनों की शादी मैं खुद करवाऊंगा और तुम्हारी पढ़ाई का ख़र्चा मैं खुद करूँगा, तुम जाओ बेटी अपने  अड्मिनिस्शन की तैयारी करो 
मैं अपने  दोस्त से तुम्हारे इलाहबाद यूनिवर्सिटी में दाखिले की बात करता हु , ये बात सुन कर प्रिया बहुत खुस हो जाहती है और  जाह के अपने माँ और पिता जी को सेठ जी से  हुई बात के बारे में बताती है जो सुन के उसके माता पिता बहुत खुश होते है, 
सेठ जी महेश को अपने पास  बुलाते है और कहते की प्रिया डॉक्टर बनना चाहती है और डॉक्टर बनने के बढ़ ही शादी करेगी और मैं उसे इलाहबाद भेज रहा हु पढ़ाई के लिया अब तुम बातो तुम क्या करना चाहते हो 
तो महेश कहता है की वो भी इलाहबाद जाना चाहता है और आगे पढ़ना चाहती है और अगर प्रिया को वहाँ पैर कोई दिक्कत होगी तो वो मदत कर देहगा
सेठ जी महेश की बात सुन कर दोनों का अड्मिनिस्शन इलाहबाद यूनिवर्सिटी में करवा देहता है और उन्ह के  रहने के इंतजाम अपने दोस्त के यहाँ करवा देहता है जो इलाहबाद  यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल है ,
प्रिया  और महेश अपनी पढ़ाई के लिया इलाहबाद आह जाहते है 


ये कहानी पढ़ कर बताना दोस्तों आपको ये कहानी केसी लगी मुझे अपने कमंट में जरूर बताना, ताकि इसके आगे की कहानी जल्दी से जल्दी  लाह सकू आप सब  लिए !

                                                                 धन्यवाद 

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